छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए भूमि एवं जल संरक्षण तकनीकें

  • पवन जीत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर ,पटना (बिहार)
  • आरती कुमारी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर ,पटना (बिहार)
  • प्रेम कुमार सुंदरम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर ,पटना (बिहार)
  • वेद प्रकाश भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर ,पटना (बिहार)
Keywords: छोटे एवं सीमांत किसान, भूमि, जल, संरक्षण तकनीकें

Abstract

सीमित भूमि एवं जल संसाधन हमारे देश कि दिन प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से परम्परागत तरीके से खेती कर पर्याप्त खाद्यान्न उत्पादन करना एक चुनौती होता जा रहा है। देश की बढ़ती जनसंख्या के लिए पर्याप्त खाद्यान्न के उत्पादन के लिए परंपरागत तकनीक को छोड़ नवीन तकनीक का प्रयोग कृषि में जरूरी हो गया है। नवीन तकनीक के माध्यम से सीमित भूमि एवं जल संसाधन होने के बाबजूद ज्यादा भूमि, जल, ऊर्जा एवं आय को बढ़ाया जा सकता है। नवीनतम भूमि एवं जल संरक्षण तकनीकों जैसे आहार-पाइन सिंचाई पद्धति का नवीनीकरण, डोबा जल संचयन तकनीक, आंशिक जड़-क्षेत्र सिंचाई तकनीक, सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई तकनीक, कम ऊर्जा जल अनुप्रयोग (लेवा) सिंचाई तकनीक एवं टपक (ड्रिप) सिंचाई तकनीक उपयोग कर भूमि, जल एवं फसल की उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।
Published
2022-03-31